बेंगलूरु, (परिवर्तन)।
भारत से सीख रही है दुनिया





आपको उरी हमला तो याद ही होगा, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सर्जिकल स्ट्राइक किया गया। इस घटना के बाद पुलवामा में जवानों के काफिले पर आतंकियों ने हमला किया, जिसकी जवाबी कार्रवाई में भारत की ओर से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक किया गया। ऐसा ही एक नजारा मध्य माली में भी बीते दिनों देखने को मिला, जब फ्रांस में हुए आतंकी हमले के जवाबी कार्रवाई में फ्रांस की सेना की ओर से मध्य माली में बसे आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई और आंतक के बादशाहों के ठिकानों को नष्ट किया गया। इस सैन्य ऑपरेशन में फ्रांस ने यह दावा किया कि उन्होंने अलकायदा से जुड़े 50 से अधिक आतंकवादी मार गिराए हैं। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। फ्रांस ने पिछले सप्ताह ही इस क्षेत्र में सैन्य अभियान की शुरुआत की थी।
आंतक के खिलाफ अब कई देश एक जैसी कार्रवाई कर रहे हैं और एकजुट होकर आतंक के खिलाफ अपनी अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बीच कहीं से खबरें ये उठी कि फ्रांस ने मोदी मॉडल को तरजीह देते हुए इस एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया से आतंक के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया है। इसी का एक स्वरूप यहां देखने को मिला। हालांकि यह भी सच है कि भारत से पहले भी अन्य देशों में आतंक की घटनाओं को ज्यादा महत्वपूर्ण समझ कर उन्हें गंभीरता से लिया जाता है और उन पर जवाबी कार्रवाई भी की जाती है। इन देशों में मुख्य रूप से यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, जर्मनी जैसे देश शामिल हैं।
फ्रांस में यह कोई पहली घटना नहीं है जब आतंकी हमले पर सरकार ने इस प्रकार का कोई कदम उठाया है। इससे पहले भी कुछ घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। ऐसे में हमारे देश में नरेंद्र मोदी के प्रशंसकों द्वारा सरकारी की पीठ थपथपाते हुए फ्रांस के इस कदम को मोदी के निर्णयों से प्रेरित बताया। सच तो यह है कि प्रेरणा लेकर भी अगर कोई देश आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, तो हमें इस बात से खुशी होनी चाहिए और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णयों और कार्यों की सराहना करनी चाहिए। आने वाले दिनों में अगर विश्व का हर देश आतंक के खिलाफ यही रवैय्या रखता है तो देश और दुनिया से आतंकवाद का खात्मा संभव हो पाएगा। इस बात को गंभीरता से लेने वाले देश ही अपने देश का और देश के नागरिकों को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।