अन्तर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के उपाध्यक्ष तथा अन्तराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन की मेट्रोमोनियल शाखा के अध्यक्ष कैलाश चन्द मित्तल से चार सवाल करते परिवर्तन समाचार पत्र के सम्पादक प्रशान्त गोयनका।
परिवारों को जोडऩे में मदद करता है मेट्रोमोनी

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सवाल 1. आज के समय में सामाजिक कार्यों का क्या महत्व है?
जवाब : जहाँ तक मैं समझता हूं समाज का अर्थ, हम लोग यहाँ पर दूर-दूराज के क्षेत्रों या प्रान्तों से आये हुए हैं और हम लोगों ने यहाँ पर आकर जो समाज बनाया है, हमारा समाज बनाने का मकसद एक ही है कि किसी बहन-भाई को अगर किसी प्रकार की जरूरत है तो समाज के मुखिया या अन्य लोगों से बात कर सके। समाज में समय-समय पर कार्यक्रम होते हैं उनसे जुड़ सके। बहुत से ऐसे लोग हैं जो इन कार्यक्रमों में नहीं आते हैं, जिनको यहाँ के बारे में या यहाँ के कल्चर के बारे में कुछ नहीं मालूम होता है, वो लोग हमसे जुड़ते हैं, हमसे सवाल करते हैं, हम उनको गाइड करते हैं, समय-समय पर जो उनको चाहिए उनकी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास भी करते हैं।
सवाल 2. समाज में मेट्रोमोनी की जरूरत को समझते हुए इसकी स्थापना कब और कैसे की गई?
जवाब : मेट्रोमोनियल तो जहाँ तक मैं समझता हूं, कई वर्षों से चल रहा है। हमारे बुजुर्गों से समय से चल रहा है, मगर पहले और आज में बहुत फर्क है। पहले क्या होता था कि हमारे बुजुर्ग लोग कहते थे कि नाई, ब्राह्मण सम्बन्ध करवाते थे और आजकल यानी कि पिछले कुछ वर्षों में जहाँ तक मैं समझता हूं, आठ से दस साल होने को आ गये हैं, कोई भी आदमी ऐसा बोले कि बुजुर्ग नहीं रहे जो आपस में बच्चों के सम्बन्ध करा पाये। इसके लिए हम लोगों को समाजिक स्तर पर आकर यह कार्य करना पड़ रहा है। जिससे कि हमारे जो बच्चे हैं, समाज के जो बच्चे हैं, उनका विवाह सम्बन्ध समय पर हो सके। आईवीएफ मेट्रोमोनियल में हमने पिछले पांच सालों से यह कार्य चालू किया हुआ है। बेंगलूरु में हमने यह कार्य पिछले छह महीने से चालू किया है। हमारे पूरे भारत के स्तर पर जो शाखाएं हैं वहाँ यह कार्य पिछले कई सालों से चल रहा है। पिछले पांच-छह महीने का जो मेरा अनुभव है कम से कम छह सौ से आठ सौ बच्चों के बायोडाटा है और अभी तक पच्चीस के करीब सम्बन्ध करा चुके हैं।
सवाल 3. समाज सुधार की दिशा में मेट्रोमोनियल कितना महत्वपूर्ण है?
जवाब : इसका बहुत महत्व है। आज समाज तभी आगे बढ़ेगा जब हमारे बच्चों के सम्बन्ध समय पर होंगे। बच्चों को बिजनेस समय पर मिले। बच्चों की शादियाँ समय पर होंगी। माँ-बाप के दिमाग पर जो बच्चों के प्रति जो बोझ होता है उसके सम्बन्ध में मेट्रोमोनी बहुत कारगर है और परिवारों को जोडऩे में भी मदद करता है। आज जो मेरे पास बायोडाटा हैं, उनमें से कई लोगों को मैं जानता तक नहीं था लेकिन आज उन लोगों से ऐसे सम्बन्ध हो गए जैसे वो मेरे परिवार का ही हिस्सा हो। जहाँ तक मैं समझता हूं मेट्रोमोनी का समाज को जोडऩे में बहुत बड़ा योगदान है।
सवाल 4. नयी पीढ़ी में समाज कल्याण की भावना और उन्हें सामाजिक कार्यों से जोडऩा कितना जरूरी है?
जवाब : यह बहुत अच्छा सवाल है। जहाँ तक मैं समझता हूं आज की यूवा पीढ़ी को हमारे समाज से जोडऩा हमारा दायित्व बनता है। समाजिक कार्यों में जोड़ें, दैविक कार्यों से जोड़ें। ताकि आने वाले समय में जैसे मोदी जी बोलते हैं कि युवा वर्ग ही आने वाले देश का भविष्य है, तो हमारे साथ में आज के समय में आईवीएफ से करीब पांच हजार युवा जुड़े हुए हैं। जो व्यापारी हैं, औद्योगिक क्षेत्र से हैं। बहुत अच्छा उनके पास में अनुभव है, आईवीएफ संस्था से जुडऩे के बाद अपनी जिम्मेदारी को और अधिक समझकर अपने कार्य में ध्यान भी दे रहे हैं। हम यही चाहते हैं कि हमारे कमेटी के युवा और आगे बढ़ें, समाज में और व्यापार में। बहुत अच्छा कर रहे हैं और हम यही कोशिश भी कर हैं कि युवा वर्ग और भी अच्छा कार्य करें।