बेंगलूरु, (परिवर्तन)।
क्यों रोका संसद की कार्रवाई





कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में तबाही फैलाई। इस महामारी की वजह से जगह-जगह लॉकडाउन भी हुए। कंपनियां बंद हुई, कारखाने बंद हुए, लोगों की नौकरियां चली गई, सरकारी दफ्तर बंद रहें और उसी के साथ साथ संसद भवन को भी बंद कर दिया गया। महीनों से संसद भवन में कार्रवाई को बंद रखा गया है, और कारण बताया गया कोरोना वायरस महामारी। हालांकि आश्चर्य की बात यह है कि इसी कोरोना वायरस महामारी के समय विभिन्न राज्यों में चुनाव आयोजित किए गए, जगह जगह पर भारी संख्या में कार्यकर्ताओं को एकत्र कर चुनावी रैलियों का आयोजन किया गया, पार्टियों द्वारा आम सभाएं की गई, लेकिन संसद नहीं चलया जा सका वहां कोरोना का डर था। हालांकि अब जब वैक्सिन आ गई है और लोगों तक पहुंच रही है, तब भी संसद भवन क्यों बंद है। क्यों संसद की कार्य प्रणाली को बंद कर रखा गया है। इसकी जवाबदेही किसकी ?
लगभग पिछले दो महीनों से दिल्ली में कृषि कानून के विरोध में देश के किसानों का धरना प्रदर्शन चल रहा है। इस बीच भाजपा सरकार पर किसान विरोधी कानून को पास करने का आरोप लगाते हुए किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं। कई राउंड की वार्ता के बाद भी इस पर अब तक किसी प्रकार का हल नहीं निकल पाया। क्योंकि संसद न खुलने की वजह से इस विषय पर पक्ष विपक्ष की चर्चाएं भी रुकी पड़ी है। क्या ये भी भाजपा सरकार की किसी रणनीति का हिस्सा है। क्या इसके पीछे भी भाजपा अपने हित साधने का प्रयास कर रही है। क्योंकि जब संसद की कार्रवाई शुरु होगी तो किसानों के मुद्दे पर खुल कर चर्चा होगी और न केवल उनके समस्याओं का समाधान निकलेगा बल्कि इस मुद्दे का हल संभव हो पाएगा।
यूं तो भाजपा सरकार खुद को किसानों की हितधारी बताती है, ऐसे में पिछले कई दिनों से किसानों के प्रति उनका जो रवैया है उसे देख कर ये तो नहीं लगता कि सरकार को किसानों की कोई परवाह है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश में एक नहीं बल्कि दो - दो वैस्किन विकसित किए गए हैं। इतना ही नहीं, इन दोनों वैक्सिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मान्यता भी मिल गई है। सरकार ने दावा भी किया है कि वैक्सिन 100 प्रतिशत सुरक्षित है, तो ऐसे में क्यों न नेताओं को वैक्सिन लगवा कर संसद की कार्य प्रणाली को दोबारा शुरु किया जाए। क्यों न देश के ठप पड़े मुद्दों पर चर्चा कर उनका हल निकाला जाए। वैक्सिन पर उपलब्धि हासिल करने वाले कुछ देशों में भारत एक है, लेकिन इसके बाद क्या।