बेंगलूरु, (परिवर्तन)। हैल्लो किड्स के निर्देशक प्रीतम अग्रवाल से चार सवाल करते परिवर्तन समाचार पत्र के सम्पादक प्रशांत गोयनका।
आने वाले पांच वर्षों में इस संख्या को 5000 देखना चाहता हूं : प्रीतम

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सवाल 1. एक सफल बिजनेस मैन (व्यवसायी) बनने के लिए या किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
जवाब : मैं अपने पुराने अनुभव के आधार से बताऊं तो यही कि सबसे पहले एक विजन चाहिए कि आप किसी चीज को लक्ष्य बना कर उसके लिए काम करना चाहते हो। दूसरा, जब आप किसी कार्य से प्यार करते हो, तो उस काम को करने का उत्जासाह दोगुना हो जाता है। कहने का मतलब है कि आप उसे इन्जॉय करने लगते हैं। तीसरा है क्या उस बिजनस (व्यवसाय) की स्केलिबीलिटी है? आप यह सोचिए कि क्या आप उस व्यवसाय को ऊँचाई तक लेकर जा सकते हैं। इन बातों को कोई भी व्यवसाय शुरू करने के पहले आकलन कर लेना चाहिए। एक होती है सोच और एक होती है रिक्वायर्मेंट (आवश्यकता)। यह आसमान यानि भारत का बाजार बड़ा है, तो स्केलिबीलिटी तो है। हमें केवल भारत तक ही सोच को सीमित नहीं रखना है विदेशों के बारे में भी सोचना चाहिए।
सवाल 2. आपने क्या सोच कर हैल्लो किड्स की स्थापना की? आज के समय में बच्चों की प्रारम्भिक शिक्षा का क्या महत्व है?
जवाब : जब हमने यह शुरू किया था, पहले तो यह सोचा था कि मैं किस लाइन में जाना चाहता हूं। मैं एक बिजनेस फेमिली (व्यवसायिक परिवार) से ताल्लुक करता हूँ और इसीलिए मुझे हमेशा लगता था कि मैं कुछ नया करूं जो मुझे पसंद आए, तो मैंने सोचा कि मैं एजुकेशन (शिक्षा) के क्षेत्र में कुछ करूं। तो एजुकेशन की बात आई तो हमने देखा कि क्यों न शुरूआत नये रूप से की जाए। स्क्रेच ऑफ द अडंरस्टेंड एजुकेशन ऑफ द बिजनेस तो हमें बच्चे दिखाई दिये। इस क्षेत्र में बहुत अच्छा सा मार्केट दिखा, उस पर बहुत सारा रिसर्च किया। बहुत से स्कूलों पर जो भारत के साथ-साथ विदेशों में भी हैं। फिर हमने सोचा कि अब शुरूआत करनी चाहिए, स्क्रेच ऑफ द अडंरस्टेंड एजुकेशन ऑफ द बिजनेस। अरली चाइल्डहुड एजुकेशन को देखा, समझा कि इसका बहुत स्कोप है। अभी हम 2019 में है लेकिन अभी तक भी ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी पहुंच है नहीं। अभी भी हम इस मार्केट को फैला सकते हैं। अभी भी केवल 20 प्रतिशत एजुकेशन का बाजार व्यवस्थित मार्केट है। आज हम बोल रहें कि 2020 तक 4 बिलियन का मार्केट है। अभी स्कोप बहुत ज्यादा है और हमने इसको देखा है।
सवाल 3. अगर आपने हैल्लो किड्स की स्थापना नहीं की होती और एक व्यवसायी न होते तो क्या होते?
जवाब : शायद मैं फैमिली बिजनेस में होता। मेरा फैमिली बिजनेस गवर्मेंट कॉन्ट्रेक्ट, बिल्डर्स, सीमेंट, स्टील्स, बिल्डिंग मैटीरियल्स का है। शायद मैं भी वही करता।
सवाल 4. स्कूल के विस्तार को लेकर आगे क्या योजना है आपकी तथा आज के युवा पीढ़ी के व्यवसायियों को आप क्या संदेश देना चाहते हैं?
जवाब : बेंगलूरु में पहले तीन सालों में हमने तीन सेंटर चलाए। उसके बाद अगले नौ वर्षों में हमने 610 सेंटर शुरू किये हैं। मेरा लक्ष्य है कि भारत और विदेशों में दिसम्बर 2020 तक 1000 की संख्या को पार करें। यह मेरा कम अवधि का लक्ष्य है। बड़ा लक्ष्य बोलूं जो मैंने सोचा और समझा है इस बाजार को देखकर एक व्यापारी के रूप तो यही कहूंगा कि आने वाले पांच वर्षों में इस संख्या को 5000 देखना चाहता हूं। और यूवा पीढ़ी के लिए संदेश यह रहेगा कि आप जीवन में जो भी करना चाहते हैं उसके लिए लक्ष्य का निर्धारण करें, जो भी कार्य करने पर सहमत हों उस कार्य से प्यार करें, अपने कार्य क्षमता को उस ऊंचाई तक ले जाए जिसकी किसी ने कल्पना भी न की हो, जो भी करें कठोर परिश्रम और धैर्य के साथ करें। अतं में प्रीतम अग्रवाल ने परिवर्तन का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया।